गुरु पूर्णिमा 2025: गुरु पूर्णिमा वाले दिन ही श्री वेदव्यास जी का प्राकट्य हुआ था श्री वेदव्यास जी ने अपने समस्त ग्रंथो को पूर्ण किया था। वेद व्यास जी भगवान नारायण जी के अवतार है। वेद व्यास जी ने जनसामान्य के कल्याण के लिए ग्रंथो की रचना की । गुरु पूर्णिमा इस लिए भी मनाई जाती है कि अगर आपने साल मे केवल इस दिन अपने गुरुजी के दर्शन व पूजन कर लिया तो आपको साल भर गुरु जी के पूजन व दर्शन का फल प्राप्त हो जाता है।
तिथि एवं शुभ मुहूर्त
गुर पूर्णिमा पर विशेष तिथि
तिथि | 10 जुलाई 2025 |
शुरुआत का समय | 10 जुलाई 2025 को रात 01 बजकर 36 मिनट से होगी । |
समापन | 11 जुलाई रात को 02 बजकर 06 मिनट पर तिथि खत्म |
साल मे कब होती है गुरु पूर्णिमाः-
हर साल के आषाण माह की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा मनाई जाती ।
गुरु पूर्णिमा पर क्या करें दान –
गुड मिश्री, हरी मूंग, चावल, गेहूं का दान जरुरतमंदो व ब्राह्मणो को करना चाहिए , वस्त्र दान मे लाल कपडे दान कर सकते है, गाय को चारा खिलाना भी शुभ होता है।
गुरु दीक्षा के नियम –
माथे पर तिलक, तुलसी धारण, जो मंत्र गरुजी ने दिया है उसे नित्य जाप करना चाहिए । जितनी गुरु जी ने माला जाप करेन हेतु बताई है उतना जाप करें । जो भगवान को भोग लगाई जा सकती है उनको ही ग्रहण करें। गुरु मंत्र को गोपनीय रखना है। भगवान, गुरु, माता पिता की ना निंदा करनी है और ना ही सुननी चाहिए, गऊ माता की सेवा, गुरु पूर्णिमा पर गुरुजी के दर्शन करने जाना चाहिए।
जिनके गुरु नही है वह क्या करें –
जिनके गुरु का स्वर्गवास हो चुका है वे अपने गुरु के फोटो को मन मे धारण कर मन से पूजन करें। अगर किसी ने दीक्षा नही ली है तो जिन को वे अपना गुरु रुप मे मानते है पर दीक्षा नही ली है तो आप मन से आप जिनको अपना गुरु बनाना चाहते है उनका पूजन कर सकते है।