वट पूर्णिमा व्रत का महत्व
करवा चौथ की ही तरह वट पूर्णिमा व्रत भी पति की दीर्घायु और सुखमय वैवाहिक जीवन की कामना से रखा जाता है. इस दिन विशेष रूप से वट वृक्ष की पूजा की जाती है, जिसे सौभाग्य और समृद्धि का प्रतीक माना गया है. मान्यता है कि इस दिन विधिवत रूप से वट वृक्ष की पूजा करने से महिलाओं को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है

वट पूर्णिमा पूजन का शुभ मुहूर्त -
वट पूर्णिमा पर विशेष तिथि 10 जून 2025
वट पूजा मुहूर्त: | सुबह 8:52 से दोपहर 2:05 तक |
स्नान और दान का समय: | सुबह 4:02 से 4:42 तक |
चंद्रोदय: | शाम 6:45 बजे |
वट सावित्री व्रत (पूर्णिमा) पूजा विधि-
1.स्नान करके स्वच्छ व नए वस्त्र पहनें और सोलह श्रृंगार करें।
2.वट वृक्ष (बरगद) के नीचे जाकर पहले स्थान की साफ-सफाई करें और पूजा की सारी सामग्री वहाँ सजा लें।
3.सावित्री और सत्यवान की प्रतिमा या चित्र को लाल कपड़े में लपेटकर रखें और उन्हें फल अर्पित करें।
4.बरगद का एक पत्ता लेकर उसे अपने बालों में सजाएं।
5.इसके बाद सावित्री-सत्यवान की कथा स्वयं पढ़ें या पंडित जी से श्रवण करें।
वट पूर्णिमा व्रत की कथा
वट पूर्णिमा का व्रत देवी सावित्री और राजकुमार सत्यवान की कथा से जुड़ा है। सावित्री का विवाह सत्यवान से हुआ था, जिसकी बहुत की कम उम्र में मृत्यु हो गई थी। लेकिन अपनी कड़ी तपस्या से सावित्री ने यमराज को खुश किया और अपने पति को नया जीवन दिलाया। देवी सावित्री ने यमराज को खुश करने के लिए वट वृक्ष की पूजा की थी। इसलिए इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं और वट पेड़, देवी सावित्री और राजकुमार सत्यवान की पूजा करती हैं।
वट पूर्णिमा व्रत की रात करने वाले उपाय
- आज वट पूर्णिमा व्रत की रात सच्चे मन से वट वृक्ष की पूजा करें। पेड़ की परिक्रमा करते हुए उस पर 7 बार कच्चा धागा लपेटें। पेड़ के जड़ के पास घी की दीपक जलाएं और विष्णु मंत्रों का जाप करें। इस उपाय से आपको विष्णु जी का आशीर्वाद प्राप्त होगा और अखंड सौभाग्य का वरदान भी मिल सकता है।
- वट पूर्णिमा व्रत की रात पति-पत्नी सच्चे मन से बरगद के पेड़ की पूजा करें। साथ ही गरीबों को अन्न, वस्त्र और धन का दान करें। इससे आपको पुण्य मिलेगा और रिश्ते में मजबूती आएगी।
- यदि आपके घर में रोजाना क्लेश होते हैं तो आज रात भगवान विष्णु और धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा करें। साथ ही अपने घर में घी का एक दीपक जलाएं। इससे घर में मौजूद नकारात्मक ऊर्जा दूर होगी और रिश्तों में चल रही परेशानियां भी धीरे-धीरे कम होने लगेंगी।